प्राचीन इतिहास को जाने - परीक्षा के हिसाब से महत्वपूर्ण बिंदू


दोस्तो आज हम बात करेंगे भारत के इतिहास के बारे में , जैसा कि आपको मालूम ही है कि भारत का इतिहास बहुत बडा है तो एक दिन में कवर करना मुश्किल है तो सबसे पहले हम प्राचीन इतिहास के बारे में जानेंगे . मै यहाँ आपको परीक्षा उपयोगी Points ही बताऊँगा .
तो शुरू करते हैं  
 तो सबसे पहले हम जानेंगे सिंधु सभ्यता के बारे में
सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु सभ्यता है जिसको हङप्पा सभ्यता और सिंधु - सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है
अब दोस्तो ये जानना जरूरी है कि सिंधु घाटी सभ्यता की खोज कैसे हुई -  1856 में कराँची से लाहौर के मध्य रेलवे लाईन का निर्माण हो रहा था और इसी के दौरान जाँन ब्रंटन और विलियम ब्रंटन को कुछ अवशेष प्राप्त हुए जिसे हङप्पा सभ्यता के नाम से जाना गया . और इसका नाम हङप्पा इसलिए पङा क्योकि अवशेष प्राप्त होने के बाद सबसे पहले खोदाई ह्ङप्पा से ही प्रारम्भ हुई
हङप्पा रावी नदी के किनारे और मोहनजोदङो सिंधु नदी के किनारे स्थित था .
उत्खनन के फलस्वरूप कई चीजो का पता चला जो निम्नवत है -
इस सभ्यता की सबसे विशेष बात यही थी कि यहाँ के नगरो का निर्माण बहुत ही व्यवस्थित ढंग से हुआ था . यहाँ ईंटो के मकान बने थे , जो नगर थे वो आयताकार में थे पूरे नगर में सङके थी .और ये एक नगरीय सभ्यता थी .
·         सिंधु सभ्यता के लोग ईंटो का प्रयोग करते थे .
·         गुजरात का लोथल शहर सिंधु सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह था .
·         मोहनजोदङो का सबसे बङा भवन धान्यागार था .
·         सिंधु सभ्यता मे लोहे के अवशेष नही मिले है जिससे पता चलता है कि इस सभ्यता में लोहे का प्रयोग नही किया गया था .
·         सिंधु सभ्यता के लोग कृषि तथा पशुपालन भी करते थे .
·         सिंधु सभ्यता के लोगो ने सबसे पहले कपास का उत्पादन किया था .
·         सिंधु सभ्यता के लोगो को द्रविङ कहा जाता था ( लेकिन अभी तक इस पर एकमत नही है सभी विद्वान अलग - अलग लोगो को यहाँ का मूल निवासी मानते है  )
तो दोस्तो इस  तरह से हमने सिंधु सभ्यता के बारे में मह्त्वपूर्ण points पढ लिए है अब बात आती है कि सिंधु सभ्यता का अंत कैसे हुआ ? तो इसके बारे अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नही मिला है जिससे पता चले कि इस सभ्यता का अंत कैसे हुआ .
अब आगे क्या हुआ , आज से लगभग 3200 साल  पूर्व इराक देश के लोगो ने भारत में प्रवेश किया और द्र्विङो को पराजित कर अपना शासन स्थापित किया  .इन लोगो को आर्यन्स कहा गया . आर्यन्स के द्वारा जो सभ्यता विकसित की गई उसे वैदिक सभ्यता कहा गया .
·         वैदिक सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी .
·         इस सभ्यता का प्रमुख व्यवसाय कृषि व पशुपालन था .
·         इस सभ्यता में लोहे से बने उपकरण प्राप्त हुए .
·         इस सभ्यता के लोगो को अस्त्र - शस्त्र बनाने का ज्ञान था .
·         इस सभ्यता के लोगो का प्रमुख पशु घोङा था .

दोस्तो अब इतना क्लियर हो गया कि पहले नगरीय सभ्यता आई फिर उसके बाद ग्रामीण सभ्यता आई.
अब हम फिर नगरीय सभ्यता की ओर बङे और भारत को 16 राज्यों (महाजनपद ) में विभाजित कर दिया गया .
1 - मगध
2 - अंग
3 - काशी
4 - कोशल
5- वज्जि
6 - मल्ल
7 - चेदी
8 - वत्स
9 - कुरू
10 - पाँचाल
11 - सुरसेन
12 - गाँधार
13 - कम्बोज
14- अस्मक
15 - अवंति
16 - मत्स्य
ये आपके 16 महाजनपद हो गये .. 16 महाजनपदो का उल्लेख एक बौद्ध ग्रंथ में किया गया है जिसका नाम है - "अंगुत्तर निकाय" .  इन सब राज्यो में से सबसे शक्तिशाली राज्य मगध था . और सबसे बङा राज्य अवंति (उज्जयनि) था . 
मगध राज्य का सबसे शक्तिशाली होने का कारण ये था कि मगध राज्य के दोनो और नदी बहती थी जिसकी वजह से यहाँ की जमीन बहुत उपजाऊ थी . मगध राज्य के पास से ही विंध्याँचल श्रेणी थी जिसकी वजह से जंगलो से लकङियाँ प्राप्त हो जाती थी और जानवरो का उपयोग युद्ध में होता था . हाथियों का पहली बार युद्ध में प्रयोग मगध राज्य ने ही किया था .  
मगध राज्य की सबसे प्राचीन राजधानी " गिरीब्रज (राजगृह) " थी.
तो दोस्तो हम अब राजवंशो के बारे में जानेंगे तो सबसे पहले बिम्बसार आया जिसने हर्यक वंश की स्थापना की .



हर्यक वंश :-
          हर्यक वंश की स्थापना 544 ई. पू. बिम्बसार ने की और इसी ने गिरीब्रज (राजगृह) को राजधानी बनाया. इसने वैवाहिक सम्बंधो की नीति अपनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया .  बिम्बसार बौद्ध धर्म का अनुयायी था .उसने 52 वर्षो तक राज किया . उसके बाद उसके पुत्र अजातशत्रु ने उसको बंदी बनाकर कारगृह में डलवा दिया जहाँ उसका निधन हो गया . बिम्बसार ही ऐसा पहला शासक था जिसने सबसे पहले स्थायी सेना रखी थी . अजातशत्रु की मृत्यु उसके पुत्र उदयन ने की थी . उदयन ने गंगा नदी और सोन नदी के संगम पर पाटलीपुत्र नगर की स्थापना की थी और अपनी राजधानी गिरीब्रज से हटाकर पाटलीपुत्र कर ली . हर्यक वंश का अंतिम शासक नागदशक था जो अत्यन्त ही विलासी और दुर्बल था . जिसके कारण राजद्रोह हुआ और उसके सेनापति शिशुनाग को राजा बना दिया गया .

शिशुनाग वंश :-      
            शिशुनाग वंश का संस्थापक शिशुनाग था.
नंद वंश :-
      नंद वंश की स्थापना महापद्मनंद ने की ..नंद वंश के समय ही मेसोदोनिया के सरदार ने भारत पर आक्रमण किया . सिकंदर ने पौरव राजा पौरस के साथ युद्ध लङा था जिसमे सिकंदर को जीत मिली थी . इस युद्ध को हाइडेस्पीन के युद्ध के नाम से जाना जाता है . सिकंदर की मृत्यु ज्वर की वजह से बेबीलोन में हो गई .. नंद वंश का अंतिम शासक घनानंद था . जिसको चन्द्र्गुप्त मौर्य ने अपने गुरू चाणक्य की मदद से युद्ध में पराजित किया .

मौर्य वंश :-
      मौर्य वंश का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था . चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरू का नाम चाणक्य था . चाणक्य का वास्त्विक नाम विष्णुगुप्त और कौटिल्य था  . चाणक्य ने अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखी जिसमे  राजनीतिक बातो का उल्लेख है. मौर्य वंश की प्रचलित मुद्रा पण थी ..चंद्रगुप्त के शासनकाल में ही सिकंदर के सेनापती सेल्यूकस निकेटर ने आक्रमण किया था . सेल्यूकस निकेटर के राजपूत मेगस्थनीज था जिसने इण्डिका नामक पुस्तक लिखी थी . सेल्यूकस निकेटर की पुत्री से चंद्रगुप्त मौर्य ने विवाह किया और 8 राज्यो पर अपना अधिकार जमाया . चंद्र्गुप्त ने अपने जीवन के अंतिम समय में जैन धर्म अपना लिया, और श्रवणबेलगोला में उपवास के समय उसकी मृत्यु हो गई .
चन्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद मौर्य वंश का अगला शासक उसका पुत्र बिंदुसार बना. पुराणो में बिंदुसार को अमित्रघात , वारिसार , और भद्रसार के नाम से जाना जाता है . यह भी जैन धर्म का अनुयायी था . इसी के शासन काल में तक्षशिला में विद्रोह हुआ था जिसे दबाने के लिये बिंदुसार ने अपने पुत्र अशोक को भेजा था. अशोक ने विद्रोह तो शांत किया ही बल्कि वहाँ की प्रजा का प्रेम व विश्वास भी जीत लिया . बिंदुसार ने 10 महाजनपदो पर राज किया था उसके बाद मौर्य साम्राज्य का अगला शासक अशोक बना . मौर्य साम्राज्य का सबसे प्रतापी व शक्तिशाली शासक अशोक ही था उसने सभी 16 महाजनपदो पर विजय प्राप्त कर ली थी ..इसके शासन काल मे शिलालेखो का प्रचलन सबसे ज्यादा हुआ. इन शिलालेखो की खोज सर्वप्रथम 1750 में "फेंथलर" ने की थी और सबसे पहले 1837 में "जेम्स प्रिंसेप"द्वारा इन शिलालेखो को पढ़ा . अशोक पहले जैन धर्म का अनुयायी था लेकिन कलिंग युद्ध में भारी मारकाट देखने के बाद इसने शस्त्रो को त्याग दिया और बौद्ध धर्म अपना लिया . इसने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका , अफगानिस्तान ,पश्चिम एशिया, मिस्र व युनान में भी करवाया. अशोक ने 23 विश्वविधालय की स्थापना की नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशीला तथा कांधार प्रमुख हैं . भारत का राष्ट्रीय चिन्ह " अशोक चक्र" तथा शेरो की " त्रिमूर्ति " भी अशोक की ही देन है .  अशोक को "देवानामप्रिय " के नाम से भी जना जाता था .इस वंश का अंतिम शासक बृहधृत था जिसे उसके ही मंत्री पुष्यमित्र शुंग ने मार दिया था
शुंग वंश :-
      शुंग वंश की स्थापना पुष्यमित्र शुंग ने की. शुंग वंश में लोग वैदिक धर्म को मानते थे . इस वंश का अंतिम शासक देवभूती था.
कण्व वंश :-
      शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूती की उसके ही मंत्री वासुदेव ने हत्या कर दी और कण्व वंश स्थापित किया. कण्व वंश में भी वैदिक सभ्यता को आगे बढ़ाया गया .
सातवाहक वंश :-
            सातवाहक वंश का संस्थापक सिमुक था .
गुप्त वंश :-
      गुप्त वंश के संस्थापक श्रीगुप्त थे . श्रीगुप्त ने भारत के 6 महाजनपदो को जीता. इसके बाद घटोत्कच और फिर चंद्रगुप्त प्रथम अगला शासक बना. चंद्रगुप्त प्रथम ने लिच्छवी राजकुमारी देवी के साथ विवाह किया. इसी ने भारत में गुप्त संवत की स्थापना की .गुप्त वंश का अगला शासक चन्द्रगुप्त प्रथम का पुत्र समुद्रगुप्त बना . समुद्रगुप्त संगीत प्रेमी था इसी ने सिक्को पर देवी की प्रतिमा लगाई जो विणा बजाती हुई थी . समुद्रगुप्त बहुत ही पराक्रमी था इसीलिए इसे भारत का नेपोलियन कहा जाता था . इसके बाद चंद्रगुप्त द्वितीय अगला शासक बना . चंद्रगुप्त द्वितीय को विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता था . यह भी प्रतापी शासक था इसी ने शको के आक्रमण को विफल किया था . सबसे पहले चाँदी के सिक्के इसी ने चलाये. कालिदास , आर्यभट्ट , वराहमिहिर , सुश्रुत आदि विद्वान इसी के शासनकाल में हुए. 
चंद्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल भारत इतिहास का स्वर्ण काल कहलाता है . इसके बाद कुमार गुप्त अगला शासक बना. नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना इसी ने की थी . इसके बाद स्कंधगुप्त अगला शासक बना. इसने भारत में सबसे ज्यादा कृत्रिम झीलो का निर्माण करवाया था. और भानूगुप्त गुप्त वंश का अंतिम शासक था.

अब दोस्तो हम इससे जुङे कुछ प्रश्नो को हल करेंगे  और दोस्तो इन प्रश्नो का उत्तर आप मेरा ये पोस्ट देख कर देना-
1 - विशाल स्नानागार कहाँ मिला था ?
2 - उस राज्य का नाम बताइये जिसने युद्ध में सर्वप्रथम हाथी का प्रयोग किया था ?
3 - सिंधु घाटी के बंदरगाह का क्या नाम था ?
4 - सिंधु सभ्यता के घर किस से बने होते थे ?
5 - बिंदुसार के शासनकाल में कहाँ विद्रोह हुआ था ?
6 - देवानामप्रिय के नाम से कौन विख्यात है ?
7 - इण्डिका किसने लिखी ?
8 - किस प्रसिद्ध शासक को शिलालेखो का जनक कहा जाता है ?
9 - मौर्य वंश के तत्काल बाद किस वंश ने राज किया ?
10 - विक्रमादित्य के नाम से किसको जाना जाता है ?
11 - भारत देश का नेपोलियन किसे कहा जाता है ?
12 - फाहियान किसके शासन काल मे आया था ?





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