नमस्कार दोस्तों मै आपका स्वागत करता हूँ अपने इस website में। आज हम बात करने वाले है। भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रह्मोस के बारे में तो चलिए शुरू करते है। इस मिसाइल का नाम ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है.
भारतीय सेना के पास एक से बढ़कर एक मिसाइलें मौजूद हैं, जो उसकी ताकत को बढ़ाती हैं। ब्रह्मोस उन्हीं मिसाइलों में से एक ख़ास नाम है, जिसका लोहा पूरा विश्व मानता है। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस जैसे बड़े देशों के पास ही सबसे घातक मिसाइल हुआ करती थी, लेकिन ब्रह्मोस ने भारत की शान में चार चांद लगाने का काम किया है।
दरअसल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई ब्रह्मोस मिसाइल ने दुनिया के कई देशों को परेशान कर रखा है, क्योंकि इसकी रफ्तार रोकना किसी भी देश के बस में नहीं है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल अगर एक बार लांच हो गई, तो लक्ष्य को बर्बाद करके ही रुकती है।
पिछले दिनों भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई लड़ाकू विमान में लोड कर उड़ान भरी थी। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्रह्मोस को लेकर सफलतापूर्वक उड़ान भरी जा चुकी है। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी इस मिसाइल का वजन, लेकिन सुखोई जैसा ताकतवर विमान इसे लेकर अासानी से उड़ गया। जल्द ही ब्रह्मोस को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल किया जाएगा। इसके बाद कोई भी दुश्मन इसके सामने नहीं टिक पायेगा। इस मिसाइल की मारक क्षमता इससे सबसे खास बनाती है जल्द ही भारत उन चंद देशों में शामिल हो जायेगा, जो जेट से अत्याधुनिक और सटीक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दाग सकते हैं।
वायुसेना में औपचारिक तौर पर ब्रह्मोस के शामिल होते ही यह हथियार विश्व का पहला हथियार होगा जो पानी, हवा और जमीन तीनों जगह से मार करने में सक्षम होगा
इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है. दुश्मनों के लिए यह इसलिए सबसे खतरनाक है क्योंकि उनके पास फिलहाल इसका कोई तोड़ नहीं है. भारत के पास मौजूद ब्रह्मोस सुपरसॉनिक है यानी इसकी स्पीड करीब एक किलोमीटर प्रति सेकंड है, जबकि चीन के पास जो मिसाइल है उसकी स्पीड 290 मीटर प्रति सेकेंड है. आम भाषा में कहा जाए तो ब्रह्मोस चीनी मिसाइल से तीन गुना तेज है और इसे फायर करने में वक्त भी कम लगता है. इसकी क्षमता अचूक है और इसका निशाना कभी चूकता नहीं है.।।।
इसे ‘फायर एंड फॉरगेट’ मिसाइल भी कहा जाता है।
जिस तरह पौराणिक ब्रह्मास्त्र का निशाना अचूक था, उसी तरह ब्रह्मोस का निशाना भी अचूक माना जाता है। इसकी मारक क्षमता शुरुआत में 290 किलोमीटर थी, लेकिन बदलते वक़्त के साथ इसमें और भी इजाफा किया जा चुका है। अब यह 450 किलोमीटर दूर तक के दुश्मन को मार सकती है। यही नहीं इसको भविष्य में 800 किलोमीटर तक बढ़ाने की गुंजाइश है।
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